चंदौली

चंदौली-कलेक्ट्रेट में दिशा की बैठक में पहले सपा सांसद छोटेलाल खरवार व भाजपा विधायक सुशील के बीच हुई तीखी बहस

चंदौली कलेक्ट्रेट सभागार में दिशा की बैठक के दौरान सपा के सांसद छोटेलाल सिंह खरवार को घर कर अपमानित करते भाजपा विधायक व जनप्रतिनिधि

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चंदौली। जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक की शुरुआत में राबर्ट्सगंज के सपा सांसद छोटेलाल खरवार और सैयदराजा के भाजपा विधायक सुशील सिंह के बीच तीखी बहस से हुई। चंदौली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शनिवार को दिशा की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में शुरू हुई।

दिशा की बैठक में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते सपा सांसद छोटेलाल सिंह खरवार

इस दौरान राबर्ट्सगंज के सपा सांसद छोटेलाल खरवार ने अभियंताओं पर मनमाने ढंग से काम करने और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। वे चेतावनी भी दे रहे थे। इसी बीच सैयदराजा विधायक सुशील सिंह अपनी बात रखने लगे। टेंडर की ऑनलाइन ऑफलाइन प्रक्रिया और लगातार कई साल से एक ही ठेकेदार को ठेका दिए जाने से शुरू हुई बातचीत ने देखते ही देखते विवाद का रूप ले लिया।हालांकि सांसद वीरेंद्र सिंह ने सांसद व विधायक के बीच चल रही बहस को रोका और जिलाधिकारी समेत सभी विभागों के अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों के सवालों का जवाब देने की बात कही।

विधायक सुशील सिंह ने बीच में माइक से बोलना शुरू किया। इस पर राबर्ट्सगंज सांसद ने शुरुआत में सपा सांसद छोटेलाल और भाजपा विधायक सुशील सिंह के बीच बहस से हुई।जिस पर सैयदराजा विधायक ने राबर्ट्सगंज सांसद के तरीके पर सवाल किए और यहीं से मामला बिगड़ गया।

इसके बाद एक-एक करके भाजपा व सपा के जनप्रतिनिधि इस विवाद में कूद पड़े और पूरा मीटिंग हॉल अखाड़े में तब्दील हो गया। वहां मौजूद डीएम व एसपी समेत अन्य अधिकारी मूकदर्शक बन रहे।विवाद इस कदर बढ़ा कि भाजपा विधायक व ब्लॉक प्रमुख बैठक छोड़कर चले गए। इसके बाद चंदौली सांसद की अध्यक्षता में बैठक की कार्यवाही पूरी की गई।उधर, सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि जनहित के कार्यों के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि विकास हो सके। जनता के मुद्दे पर सभी को एकजुटता दिखाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाना सबकी प्राथमिकता होनी चाहिए।

वही इस संबंध में सांसद छोटेलाल सिंह खरवार ने कहा कि लोक निर्माण विभाग में भारी भ्रष्टाचार है। खुद मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां थोड़ी भी आपत्ति हो, वहां टेंडर ऑनलाइन कर दिया जाए। लेकिन हमारे चकिया विधानसभा में 50 टेंडर को ऑनलाइन करने की बात उनको नागवार गुजर रही है। मैंने यही बात दिशा की बैठक के दौरान उठाई तो मुझे दलित सांसद समझकर विधायकों और प्रमुख आदि ने घेरा। मैं आदिवासी सांसद हूं, इसलिए घेरकर मुझे अपमानित कर रहे थे। भ्रष्टाचार में भाजपा के प्रतिनिधि और अधिकारी लिप्त हैं।

Murali Shyam

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