Chandauli News: तनाव को देखते हुए गांव में तैनात रही कई थानों की पुलिस व पीएसी फोर्स,सात खिलाफ मुकदमा दर्ज, आगे की कार्रवाई में जुटी प्रशासन

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय
चंदौली। सदर कोतवाली क्षेत्र के नेगुरा गांव में शनिवार की रात दो पक्षों में जमकर लाठी-डंडे और ईंट पत्थर चले थे। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। वहीं कई घायल हो गए थे। घटना को लेकर गांव में तनाव है। इससे गांव में एडिशनल एसपी आपरेशन के साथ ही कई थानों की पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। वहीं मृतक के पुत्र की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर सात लोगों के विरुद्ध पुलिस ने नामजद मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस ने दो लोगों को हिरासत में लिया है।

कोतवाली के नेगुरा ग्राम में पुरानी रंजिश को लेकर शनिवार की रात दो पक्षों में जमकर मारपीट हो गई थी। दोनों पक्षों की ओर से लाठी डंडा और ईंट पत्थर चला था। घटना में एक पक्ष के बादशाह 45 वर्ष गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके अलावा अब्दुल अली 68, कलावती 60 और निशा 17 भी घायल हो गई। सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बादशाह की हालत नाजुक देख चिकित्सकों ने वाराणसी ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया था। वहां उनकी मौत हो गई थी। इसकी जानकारी होते ही गांव में तनाव व्याप्त हो गया। घटना में मृतक के बेटे अशरफ की ओर से रात में ही सात लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया गया। पुलिस तहरीर के आधार पर कार्रवाई में जुट गई। वहीं गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है। फिलहाल दो लोगों को हिरासत में लेकर कार्रवाई कर रही है। सदर कोतवाली इंस्पेक्टर क्राइम दुर्गेश यादव ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे कार्रवाई की जा रही है।

उधर, सदर कोतवाली क्षेत्र के नेगुरा गांव में बादशाह की मौत के बाद माहौल को शांत करने के लिए भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। जहां पर एडिशनल एसपी के सदर सीओ राजेश राय साथ-साथ नौगढ़ और चकिया के अलावा सैयदराजा,शहाबगंज सहित के कई थानों की पुलिस शामिल रही। वहीं महिला पुलिस भी तैनात रही, ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी होने पर रोका जा सके। उधर, नेगुरा गांव में हुई मारपीट में बादशाह की मौत के बाद गांव में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा रहा। यही नहीं पूरे गांव का माहौल पूरी तरह से शांत था और लोग कुछ भी बोलने के लिए कतराते रहे। वही जो पोस्टमार्टम के बाद बादशाह का शव गांव पहुंचा तो परिजनों में जहां कोहराम मच गया। वही पूरी तरह से गांव में मातम का माहौल कायम हो गया। लोग इधर-उधर कान्हा फुशी करते रहे, लेकिन खुलकर बोलने के लिए कोई तैयार नहीं हो रहा था इस घटना को लेकर पूरे गांव में सिपाया छाया रहा। वही बादशाह अपने परिवार की जीविका साड़ी बुनाई का काम करता था। जिससे परिवार की रोजी-रोटी चलती थी। इसके दो पुत्र हैं एक का नाम असरत खान दूसरे पुत्र तौहीद खान है।
