
संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय
चंदौली। जनपद में चाहे जिला प्रशासन हो या पुलिस प्रशासन हो इनके निष्पक्ष कार्य प्रणाली पर लगातार सवाल खड़े होते रहे हैं। ऐसा देखा जाता है कि बिना सत्ता पक्ष के चरणवंदन किए बिना किसी को पुलिस विभाग में जिले का कोई थाना या चौकी नसीब नहीं होता। और इसीलिए प्रभार लेने के बाद विभागीय अधिकारी सत्ता पक्ष के लोगों के बातों को प्रथम वरीयता देते हैं। अन्यथा ऐसी स्थिति में उनसे चार्ज छीनने का भी डर बना रहता है।
कुछ ऐसा ही मामला चंदौली जनपद में भी दो दिन पहले देखने को मिला। जहां इलिया थाना क्षेत्र के एक गांव में सत्ता पक्ष से जुड़े लोगों के परिवार के लोगों द्वारा किए गए विवाद को लेकर थाना प्रभारी प्रियंका सिंह ने स्थानीय थाने पर बुलाकर बातचीत करने की कोशिश की लेकिन सत्ता पक्ष से जुड़े लोग रौब में नजर आने के साथ ही चकिया विधायक कैलाश आचार्य से प्रियंका सिंह की शिकायत की। इसके बाद विधायक ने कप्तान से फोन से वार्तालाप कर उन्हें हटाने का अनुरोध किया। इसके बाद देर रात प्रियंका सिंह का इलिया थाने से तबादला कर दिया गया। और एक दूसरे सिंह साहब को तैनाती दी गयी। वहीं सूत्रों की माने तो विधायक यह नहीं चाहते थे कि इलिया थाने की कुर्सी किसी सिंह साहब के हाथ में हो, लेकिन यहां उनकी नहीं चली, प्रियंका सिंह के हटते ही कुर्सी की कमान दूसरे सिंह साहब के हाथों में ही सौंपा गया।
वहीं अगर बात करें प्रियंका सिंह की तो प्रियंका बिना किसी सत्ता पक्ष के दबाव में लोगों का निष्पक्ष काम करने के लिए अपने नौकरी में आने के बाद से ही जानी जाती हैं। प्रियंका सिंह के आगे बड़े से बड़े प्रभावशाली लोगों का भी नहीं चल पाता है। शायद इसी का परिणाम रहा कि सत्ता पक्ष के लोगों की बात ना मानना प्रियंका सिंह के लिए एक बार भारी पड़ गया और उनका तबादला देर रात ही कर दिया गया। हालांकि ऐसे में प्रियंका सिंह के इस काम की भी तारीफ खूब हो रही है कि भले ही उनका तबादला हो गया लेकिन वह सत्ता पक्ष के आगे झुकीं नहीं। क्योंकि वह खुद भी कहती हैं कि उनको झुक कर और तलवे चाट कर काम करना पसंद नहीं है।
अगर देखा जाए तो जनपद में यह पहली कार्रवाई नहीं है इसके पूर्व भी जिले के सैयद राजा थाने पर तत्कालीन कोतवाल रहे मुकेश तिवारी का चुनाव के दौरान भाजपा विधायक सुशील सिंह से अनबन हो गया था। इसके बाद उनको लाइन हाजिर कर दिया गया था। लेकिन कुछ ही दिन बाद उन्हें बबुरी थानाध्यक्ष पद की कमान सौंपी गई थी। इसके बाद अब तक वही बबुरी के थाना प्रभारी हैं। इसी तरह यह दूसरी कार्रवाई इलिया की थाना प्रभारी रही प्रियंका सिंह पर की गई। ऐसे में अब लोगों में यह सवाल खड़ा होना शुरू हो गया है कि अगर किसी भी थाने या चौकी का चार्ज पाना है या ज्यादा दिन तक बने रहना है तो सत्ता पक्ष में बैठे नेताओं का चरणवंदन करना जरूरी है।