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Chandauli News:चकिया तहसील में एसडीएम दिव्या का 11 महीने का रहा शानदार कार्यकाल,कई अवैध कार्यों पर लगाईं थीं विराम

उपजिलाधिकारी दिव्या ओझा

संवाददाता कार्तिकेय पाण्डेय

चकिया। अधिकारी तो कोई भी बन सकता है लेकिन हर एक अधिकारियों के काम करने के अपने अलग-अलग तरीके होते हैं। जिससे वह अपनी कार्यशैलियों की छाप छोड़कर जनता के बीच कभी उनका चहेता बन जाता है तो कभी जनता के लिए सर दर्द बन जाता है। अधिकारी कभी-कभी ऐसा कार्य कर जाते हैं कि जाने के बाद भी वहां की जनता हमेशा उन्हें याद करती रहती है।

जी हां हम बात कर रहे हैं पीसीएस अधिकारी एसडीएम दिव्या ओझा की। जो कि वर्तमान में चकिया तहसील में उप जिलाधिकारी के पद पर तैनात रहीं। हालांकि एक दिन पूर्व उनका तबादला जनपद के वनांचल क्षेत्र के नौगढ़ तहसील में कर दिया गया है। इसके बाद अब वह वनांचल के लोगों की समस्याओं को सुनेंगीं और उसका निस्तारण करेंगी। दिव्या ओझा पीसीएस अधिकारियों में एक ऐसी अधिकारी है जो कि बिना किसी डर और बिना किसी दबाव में काम करना बखूबी पसंद करती हैं। इनके आगे कोई भी राजनीतिक दबाव नहीं चलता। और शायद किसी का परिणाम है कि जहां जाती हैं वहां आम जनता के प्रिय बन जाती हैं। फरियादियों की समस्याओं को गंभीरता पूर्वक सुनकर उसका बारीकी से निस्तारण करना इनके जेहन में है। उनके सीधे तौर पर कहना रहता है कि अगर एक बार अपनी समस्याओं को लेकर विभागीय कार्यालय तक कोई भी फरियादी पहुंच गया तो ऐसा प्रयास होना चाहिए और इस तरह से काम होना चाहिए कि दोबारा वह तहसील कार्यालय या फिर अन्य विभागों की कार्यालय का चक्कर न लग सके। जिससे फरियादी के समय, पैसे, और मेहनत की बचत हो जाती है। इससे वह अपना दूसरा काम कर सकता है।

दिव्या ओझा जहां भी चाहे खंड विकास अधिकारी पद पर रहकर कार्य की हों या फिर उप जिलाधिकारी के पद पर रहकर कार्य की हों हमेशा से निष्पक्षता पूर्वक कार्य की हैं। इनका नाम एक चर्चित अधिकारियों में लिया जाता है। चकिया तहसील में लगभग 11 महीने का एसडीएम दिव्या ओझा का शानदार कार्यकाल रहा है। अपने कार्यकाल में इन्होंने कई अवैध रूप से संचालित अस्पतालों को सील करने के साथियों उन पर कड़ी कार्रवाई की और वहीं कई अवैध लकड़ी भंडारण पर छापेमारी करने के साथ ही कार्रवाई किया। वहीं कई अवैध रूप से मिट्टी खनन कर रहे ट्रैक्टर व जेसीबी चालकों को भी पकड़ कर उनके खिलाफ कार्रवाई की। इसके साथ ही उन्होंने एक ऐसी पहल की शुरुआत की थी जिससे की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से फरियादियों के समस्याओं का निस्तारण हो सके। फरियादी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी समस्या बताएं और मौके पर पहुंच कर लेखपाल के द्वारा मामले का निस्तारण की प्रक्रिया संपन्न की जा सके। इसके साथ ही उनकी एक पहले आदत है कि वह बुजुर्ग और असहाय लोगों के तहसील में पहुंचने पर खुद कुर्सी छोड़कर उठ जाती हैं और फरियादी के पास जाकर उनकी समस्याओं को सुनकर उसका निस्तारण कराया करती हैं। इस तरह के उन्होंने कई कार्य किए थे जिसकी लोगों में काफी सराहना हुआ करती है। लोगों में यह चर्चा रहती है कि इस तरह के अधिकारी अगर विभिन्न जगहों पर रहे तो फरियादियों की समस्याओं के साथ-साथ विभागीय कार्यों में भी किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आएगी।

Murali Shyam

खबर है तो दिखेगी जिंदगी के आज भी जिंदगी के बाद भी

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